प्रथम खंड
:
9.
बोअर-युद्ध
जिन पाठकों ने पिछले प्रकरण ध्यान से पढ़े होंगे उन्हें इस बात का खयाल होगा
कि बोअर-युद्ध के समय दक्षिण अफ्रीका के हिंदुस्तानियों की दशा कैसी थी? उस
समय तक अपनी दशा को सुधारने के लिए उन्होंने जो-जो प्रयत्न किए, उसका वर्णन भी
किया जा चुका है।
डॉ. जेमिसन की सोने की खदानों के मालिकों के साथ जो गुप्त मंत्रणा हुई थी,
उसके अनुसार उन्होंने 1899 में जोहानिसबर्ग पर धावा बोल दिया। दोनों को आशा तो
यह थी कि जोहानिसबर्ग पर अधिकार कर लेने के बाद ही बोअर-सरकार को इस धावे का
पता चलेगा। पर ऐसी आशा रखने में डॉ. जेमिसन तथा उनके मित्रों ने बहुत बड़ी
गलती की। दूसरी गलती उन्होंने यह आशा रखकर की कि हमारे षड्यंत्र का भंडाफोड़
हो गया, तो भी रोडेशिया में तालीम पाए हुए निशानेबाजों (शार्प-शूटर्स) के
सामने अनाड़ी बोअर किसान कुछ कर नहीं सकेंगे। उन्होंने गलती से यह भी मान लिया
था कि जोहानिसबर्ग की आबादी का बहुत बड़ा भाग उनका स्वागत ही करेगा। उन भले
डॉक्टर की यह आशा भी पूरी नहीं हुई। प्रेसिडेंट क्रूगर को सारे षड्यंत्र का
पूरा पता चल गया था। उन्होंने अत्यंत शांति, कुशलता और गुप्त रीति से डॉ.
जेमिसन का सामना करने की तैयारियाँ कर ली थीं, जो लोग उनके साथ षड्यंत्र में
शरीक हुए थे, उन्हें गिरफ्तार करने की भी पूरी तैयारी कर ली थी। इसलिए डॉ.
जेमिसन जोहानिसबर्ग के निकट पहुँचे उसके पहले ही बोअर-सेना ने अपनी गोलियों से
उनका स्वागत किया। इस सेना के सामने डॉ. जेमिसन की टुकड़ी टिक ही नहीं सकती
थी। जोहानिसबर्ग में कोई सरकार के खिलाफ विद्रोह न कर सके, इसके लिए भी
प्रेसिडेंट क्रूगर संपूर्ण रूप में तैयार थे। इसके फलस्वरूप शहर की आबादी में
से कोई आदमी सिर उठाने की हिम्मत नहीं कर सका। प्रेसिडेंट क्रूगर की सारी
कार्रवाई से जोहानिसबर्ग के करोड़पति स्तब्ध रह गए। प्रेसिडेंट की इतनी सुंदर
तैयारी का परिणाम यह हुआ कि धावे को पीछे धकेलने में पैसे का कम से कम खर्च
हुआ और प्राणों की भी कम से कम हानि हुई।
डॉ. जेमिसन और उनके सब मित्र - सोने की खदानों के मालिक - पकड़ लिए गए और
तुरंत उन पर मुकदमा चलाया गया। कुछ लोगों को फाँसी की सजा हुई। इन अपराधियों
में से अधिकतर तो करोड़पति ही थे। लेकिन बड़ी (साम्राज्य) सरकार उनके लिए कुछ
नहीं कर सकी, क्योंकि उन्होंने दिन-दहाड़े धावा बोलने का अपराध किया था।
प्रेसिडेंट क्रूगर का महत्व एकदम बढ़ गया। उपनिवेश-मंत्री श्री चैंबरलेन ने
उन्हें दीन वचनवाला तार किया और प्रेसिडेंट क्रूगर के दयाभाव को जाग्रत करके
इन सब करोड़पतियों के लिए दया की भीख...
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